चमोली। महाविद्यालय गोपेश्वर में उच्च शिक्षा में उन्नयन और नवाचार विषय पर केंद्रित राजकीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में राज्य मंत्री रिपुदमन रावत ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि उच्च शिक्षा में नित अविष्कार, अध्ययन , विचार के साथ-साथ उच्च शिक्षा ले रहे छात्रों का समाज से लगाव होना जरूरी है। उन्होंने कहा शिक्षा जब तक समाज से जुड़ी और समाज के हित का कारक नहीं बनेगी। तब तक इसका उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता। श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय परिसर गोपेश्वर में बीएड विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में उच्च शिक्षा पर महत्वपूर्ण विचार आए। सेमिनार के विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड सरकार में उच्च शिक्षा सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी ने कहा कि शिक्षा का उन्नयन व्यक्तित्व के विकास के साथ-साथ समाज को दिशा देने वाले भी होना चाहिए। कहा कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ वाइट कालर जॉब तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान परक शिक्षा जितनी जरूरी है। उतना ही महत्वपूर्ण विषय यह भी है कि उच्च शिक्षा प्रकृति और समाज के हित में कितनी महत्वपूर्ण कारक बनेगी। उन्होंने उच्च शिक्षा में लगे शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की अपेक्षा उच्च शिक्षा लेने वालों से यह भी है कि वह समाज को एक सभ्य , सुसंस्कृत परिवार के रूप में गठित करे। अनुशासन और संस्कार को विनोद रतूड़ी ने शिक्षा की आत्मा बताया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एस पी उनियाल ने महाविद्यालय गोपेश्वर द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन के कथ्य-तथ्य को सामने रखते हुए कहा कि उत्तराखंड शासन द्वारा निर्देशित उच्च शिक्षा में उन्नयन और नवाचार विषय पर आयोजित विचार विर्मश के माध्यम से उच्च शिक्षा के विकास की दिशा तय करना है। कहा कि गोपेश्वर महाविद्यालय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समाज को नई दिशा दी है। यहां से शिक्षा प्राप्त छात्रों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी है। यह अलग निरंतर जगनी चाहिए। पुरातन छात्र क्रांति भटट ने कहा कि शिक्षा मानवीय गुणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बीएड विभाग के विभागाअध्यक्ष प्रो. बीसी शाह ने कहा कि नवाचार शिक्षा के अंतर्गत महाविद्यालय गांवों को गोद लेकर महत्वपूर्ण विषयों पर अध्ययन कर रहा है। सामाजिक विषयों को करीब से जानने और कृषि विशेष कर जैविक खेती के पुनर्जागरण और शिक्षा का प्रकाश गांव तक भी फैले इसके लिए महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं नवाचार के रूप में सोशल स्टडी पर कार्य कर रहे हैं। प्राचार्य डा. आरके गुप्ता ने महाविद्यालय के शैक्षिक इतिहास और भविष्य की योजनाओं को बताया। इस मौके पर क सुरेंद्र सिंह लिंगवाल, प्रो डा. दर्शन सिंह नेगी, पीटीए अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे। सेमिनार में संविधान पर चर्चा राष्ट्रीय सेमिनार में संविधान दिवस पर भी चर्चा वार्ता की गई। भारत के संविधान को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा अनुशासन, न्याय और दिशा बोधक ग्रंथ बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत रत्नबाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान के रूप में भारत को जो चेतना और अनुशासन का जो प्रकाश पुंज दिया है। वह हम सब के लिए ही नहीं वरन पूरी दुनिया के लिए एक सम्मान पूर्ण उपलब्धि है। कहा कि भारत का लोकतंत्र सविधान से ही शक्ति और दिशा प्राप्त करता है।
उच्च शिक्षा में उन्नयन और नवाचार पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित